Bed Kateb Iftara Bhai
Bed Kateb Iftara Bhai, Man Ka Bharm Na Jai, is Today's Hukamnama from Darbar Sahib, Sachkhand Sri Harmandir Sahib, Amritsar on Dated [pods field="date_ce"]. Bhagat Kabir Ji is the author of this pious Hukam Bani documented on Sri Guru Granth Sahib Ang 727 in Raag Tilang.
Hukamnama | Bed Kateb Iftara Bhai |
Place | Darbar Sri Harmandir Sahib Ji, Amritsar |
Ang | 727 |
Creator | Bhagat Kabir Ji |
Raag | Tilang |
Date CE | 7 January 2024 |
Date Nanakshahi | 23 Poh, 555 |
Hukamnama Darbar Sahib in English
English Translation
"By the Grace of the Lord-Sublime, Truth personified & attainable through the Guru's guidance." O, Brother! Vedas and Katebs (Koran) are like the mirror and by studying these books of lore, one cannot get rid of worries and dual-mindedness. If you were to inculcate the love of the Lord in your heart even for a short while, then you would be able to perceive the Lord very close to you (within you). (1)
O, Man! Try to seek the Lord within your heart only; if you were to worship Him daily even for a short while. by ridding yourself of all doubts and misgivings, then you will realize that this world, which is behaving like a magician's drama, cannot be controlled by anyone, as everything is based on falsehood. (Pause-1)
O, Brother! You are getting thrilled with your false studies, but being unmindful of the Lord's Nature (and its secrets), your talk is useless and without any basis. The fact remains that the Lord is pervading amongst the human beings (of this world), without having a distinct form (personality) of His own. (white or black color) (2)
O, Man! You should have bathed in the river of the Lord's True Name (immersed in His True Name) but alas, you never realized it and benefit~ from it. In fact, the Lord is omnipresent but could be perceived ~with the eyes) by the saints only through His worship. (3)
O, Brother! The Lord is the purest of pure and a true being, and we should doubt it only if there were another second power, known to us. O, Kabir! The persons, blessed by the Lord's Grace, alone could realize Him, so let us pray to Him for (blessing us with) His Grace, and benevolence. (4- 1)
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Hukamnama in Hindi
तिलंग बाणी भगता की कबीर जी
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
बेद कतेब इफतरा भाई दिल का फिकर न जाइ ॥
टुक दम करारी जउ करहु हाजिर हजूर खुदाइ ॥१॥
बंदे खोज दिल हर रोज ना फिर परेसानी माहि ॥
इह जु दुनीआ सिहर मेला दसतगीरी नाहि ॥१॥ रहाउ ॥
दरोग पड़ पड़ खुसी होइ बेखबर बाद बकाहि ॥
हक सच खालक खलक मिआने सिआम मूरत नाहि ॥२॥
असमान मिह्याने लहंग दरीआ गुसल करदन बूद ॥
कर फकर दाइम लाइ चसमे जह तहा मउजूद ॥३॥
अलाह पाकं पाक है सक करउ जे दूसर होइ ॥
कबीर करम करीम का उहु करै जानै सोइ ॥४॥१॥
Hukamnama Hindi Meaning:
राग तिलंग में भगतों की बाणी; कबीर जी की।
अकाल पुरख एक है और सतिगुरू की कृपा द्वारा मिलता है।
हे भाई! (वाद-विवाद की खातिर) वेदों कतेबों के हवाले दे दे कर (Bed Kateb Iftara Bhai) ज्यादा बातें करने से (मनुष्य के अपने) दिल का सहम दूर नहीं होता। (हे भाई!) अगर आप अपने मन को एक पल भर ही टिकाउ, तो आपको सब में ही रब वस्ता दिखेगा (किसी के विरुद्ध तर्क करने की जरुरत नहीं पड़ेगी) ॥१॥
हे भाई! (अपने ही) दिल को हर समय खोज, (बहस करने की) घबराहट में न भटक। यह जगत एक जादू सा है, एक तमाश़ा सा है, (इस में से इस व्यर्थ वाद-विवाद के द्वारा) हाथ आने वाली कोई शै नहीं ॥१॥ रहाउ ॥
बे-समझ लोग (अन-मतों की धर्म-पुस्तकों के बारे यह) पढ़ पढ़ कर (कि इन में जो लिखा है) झूठ (है), ख़ुश हो हो कर बहस करते हैं। (परन्तु वो यह नहीं जानते कि) सदा कायम रहने वाला रब सृष्टि में (भी) वस्ता है, (ना वह अलग सातवें आसमान पर बैठा है और) ना वह परमात्मा कृष्ण की मूर्ति है ॥२॥
(सातवें आसमान पर बैठा समझने की जगह, हे भाई!) वह प्रभू-रूप दरिया पर अंतःकरण में लहरें मार रहा है, तुझे उस में स्नान करना था। सो, उस की सदा बंदगी कर, (यह भगती का) चश्मा लगा (कर देख), वह हर जगह मौजूद है ॥३॥
रब सब से पवित्र (हस्ती) है (उस से पवित्र कोई अन्य नहीं है), इस बात पर मैं तब ही शंका करूं, अगर उस रब जैसा कोई अन्य हो। हे कबीर जी! (इस बात को) वह मनुष्य ही समझ सकता है जिस को वह समझने-योग्य बनाए। और, यह बख़्श़श़ उस बख़्श़श़ करने वाले के अपने हाथ है ॥४॥१॥