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Chaupai Sahib Path in Hindi PDF - चौपाई साहिब सिख धर्म की एक अत्यंत शक्तिशाली बानी है, जिसे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने द्वारा रचित माने गए श्री दसम ग्रंथ के आरंभ में दर्ज है। यह बानी व्यक्ति को भय, चिंता और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा देती है। इस लेख में हम आपको चौपाई साहिब पाठ हिंदी PDF फॉर्मेट में उपलब्ध करा रहे हैं – सरल देवनागरी लिपि में, जो हिंदी पाठकों के लिए पढ़ने में आसान है।
चौपाई साहिब हिंदी PDF डाउनलोड करें
इस PDF में गुरमुखी से देवनागरी में सही ट्रांसफॉर्मेशन किया गया है। विशेष ध्यान रखा गया है कि मूक मात्राएँ (silent matras) हटाई गई हैं, जिससे हिंदी पाठकों को उच्चारण में कोई कठिनाई न हो।
विशेषता | विवरण |
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टाइटल | चौपाई साहिब पाठ (हिन्दी) |
फाइल साइज़ | 221 KB |
पेज संख्या | 7 पृष्ठ |
लिपि | देवनागरी (हिंदी) |
लेखक | श्री गुरु गोबिंद सिंह जी |
स्रोत | Sikhizm.com |
अनुवाद विशिष्टता | Silent Matras हटाकर सही उच्चारण हेतु |
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🗂️ File Name: ChaupaiSahib_Hindi.pdf
1. चौपाई साहिब के पाठ का महत्व
- पंथ प्रवणित रहित मर्यादा में श्री चौपाई साहिब को नित्यनेम (दैनिक पाठ) का भाग माना गया है जिसका पाठ जपजी साहिब, जाप साहिब, सवैये और श्री आनंद साहिब वाणी के पाठ के साथ में किया जाता है।
- चौपाई साहिब का नियमित पाठ 'भय' और 'नकारात्मकता' (Fear and Negativity) से रक्षा करता है
- जिस प्रकार हिन्दू धर्म में 'हनुमान चालीसा' के पाठ का निर्भयता व रक्षा के लिए जाप किया जाता है उसी प्रकार चौपाई साहिब का पाठ मन में शांति और आत्मबल देता है।
- यात्रा, परीक्षा, और किसी संकट के समय पढ़ना विशेष फलदायक माना गया है
2. पाठ की शुरुआती पंक्तियाँ (देवनागरी लिपि में)
इक ओअंकार श्री वाहेगुरू जी की फतह ॥ पातिसाही दसवीं॥
कबियो बाच बेनती ॥ चौपई ॥
हमरी करो हाथ दै रच्छा ॥ पूरन होय चित्त की इच्छा ॥
तव चरनन मन रहै हमारा ॥ अपना जान करो प्रतिपारा ॥१॥
यह Edition हिंदी पाठकों के लिए क्यों खास है?
✅ सरल उच्चारण – क्योंकि मूक मात्राओं को हटा दिया गया है
✅ आँखों को आराम देने वाला फॉर्मेट – साफ-सुथरा लेआउट
✅ ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीकों से उपयोग योग्य
✅ मोबाइल फ्रेंडली – किसी भी डिवाइस पर आसानी से पढ़ें
3. Chaupai Sahib Hindi PDF से पाठ करने की मर्यादा
- रोज़ सुबह या रात सोने से पहले इस पाठ का जाप करें
- ध्यान और शांति के वातावरण में इसका पाठ अधिक प्रभावशाली होता है
- मन में पाठ करने की बजाय हल्की आवाज में बोलकर पाठ करें, इस-से आपका ध्यान नहीं भटकेगा और बोलना-सुनना एक होकरके अधिक लाभ देगा।
4. अन्य उपयोगी बानियाँ (हिन्दी में)
- Japji Sahib in Hindi
- Jaap Sahib in Hindi
- Tav Prasad Savaiye in Hindi
- Chaupai Sahib in Hindi
- Aanand Sahib in Hindi
- Sukhmani Sahib in Hindi
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वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह