गुरु रामदास जी प्रकाश उत्सव
चौथे सिख गुरु रामदास जी के प्रकाश उत्सव ( आगमन गुरूपर्व ) 2022 की समूह साध-संगत को कोटि कोटि बधाई। गुरु रामदास जी सोढी वंश से पहले सिख गुरु हुए तदोपरांत गुरु ग्रंथ साहिब जी के गुरु-स्थापन तक सभी गुरु साहिबान इसी वंश से हुए। गुरु रामदास जी णे अमृतसर की नींव रखी, मसन्द व्यवस्था से गुरु घर के लिए कार सेवा एकत्र करने की शुरुआत की। गुरु ग्रंथ साहिब का लगभग 10% हिस्सा आपके मुखारविंद से उच्चरित हुआ है जिनमें ‘लावाँ’ – सिख विवाह संस्कार के समय पढ़ी जाने वाली बाणी उल्लेखनीय है।
गुरूपर्व | गुरूपर्व दिनांक | नानकशाही तिथि |
---|---|---|
गुरु रामदास जी प्रकाश उत्सव | 11 अक्टूबर 2022, मंगलवार | 11th अक्टूबर 2022, मंगलवार |
श्री गुरू रामदास जी का प्रकाश (जन्म) लाहौर नगर (पाकिस्तान) के बाजार चूना मण्डी में 24 सितम्बर सन् 1534 तदानुसार संवत 1591, 20 कार्तिक शुक्लपक्ष रविवार को पिता हरिदास जी के गृह माता दया कौर की पुण्य कोख से हुआ। ज्येष्ट पुत्र होने के कारण अड़ोसी-पड़ोसी व सम्बन्धी आप को जेठा कह कर बुलाया करते थे। इस प्रकार आप का नाम राम दास के स्थान पर जेठा प्रसिद्ध हो गया। आप अभी नन्हीं आयु के थे कि आप के माता और पिता का देहांत हो गया । तत्पश्चात आपका पालन पोषण आपके ननिहाल में हुआ।
बाद में रामदास जी गुरु अमरदास जी के सान्निध्य में गोइंदवाल में सेवा करने लगे । श्री गुरु अमरदास की दृष्टि से भाई जेठा जी की गुरू भक्ति और धर्म निष्ठा छिपी हुई न थी वह भी जेठा जी को बहुत चाहने लगे और चाहते थे कि यह प्रीत सदैव बनी रहे। उपरांत गुरु अमरदास जी ने उन्हें अपनी बेटी भानी जी के वर के रूप में चयनित कर लिया। गुरु रामदास जी से संबद्ध विस्तृत जीवन इतिहास बढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक से हिन्दी पुस्तक डाउनलोड करें:
Download Guru Ramdas Ji Parkash Utsav Images
ਨਾਨਕਿ ਨਾਮੁ ਨਿਰੰਜਨ ਜਾਨ੍ਯ੍ਯਉ ਕੀਨੀ ਭਗਤਿ ਪ੍ਰੇਮ ਲਿਵ ਲਾਈ ॥ ਤਾ ਤੇ ਅੰਗਦੁ ਅੰਗ ਸੰਗਿ ਭਯੋ ਸਾਇਰੁ ਤਿਨਿ ਸਬਦ ਸੁਰਤਿ ਕੀ ਨੀਵ ਰਖਾਈ ॥ ਗੁਰ ਅਮਰਦਾਸ ਕੀ ਅਕਥ ਕਥਾ ਹੈ ਇਕ ਜੀਹ ਕਛੁ ਕਹੀ ਨ ਜਾਈ ॥ ਸੋਢੀ ਸ੍ਰਿਸ੍ਟਿ ਸਕਲ ਤਾਰਣ ਕਉ ਅਬ ਗੁਰ ਰਾਮਦਾਸ ਕਉ ਮਿਲੀ ਬਡਾਈ ॥੩॥
ਹਮ ਅਵਗੁਣਿ ਭਰੇ ਏਕੁ ਗੁਣੁ ਨਾਹੀ ਅੰਮ੍ਰਿਤੁ ਛਾਡਿ ਬਿਖੈ ਬਿਖੁ ਖਾਈ ॥ ਮਾਯਾ ਮੋਹ ਭਰਮ ਪੈ ਭੂਲੇ ਸੁਤ ਦਾਰਾ ਸਿਉ ਪ੍ਰੀਤਿ ਲਗਾਈ ॥ ਇਕੁ ਉਤਮ ਪੰਥੁ ਸੁਨਿਓ ਗੁਰ ਸੰਗਤਿ ਤਿਹ ਮਿਲੰਤ ਜਮ ਤ੍ਰਾਸ ਮਿਟਾਈ ॥ ਇਕ ਅਰਦਾਸਿ ਭਾਟ ਕੀਰਤਿ ਕੀ ਗੁਰ ਰਾਮਦਾਸ ਰਾਖਹੁ ਸਰਣਾਈ ॥੪॥੫੮॥
गुरु नानक ने ईश्वर के नाम को माना और लगन लगाकर उसकी प्रेम-भक्ति की। फिर (गुरु नानक के परम शिष्य भाई लहणा) प्रेम के सागर गुरु अंगद देव उनकी सेवा में निमग्न रहे और उन्होंने शब्द-सुरति की मजबूत आधारशिला रखी। गुरु अमरदास की कथा अकथनीय है, एक जिह्म से उनके गुणों का वर्णन नहीं किया जा सकता। समूची सृष्टि को संसार-सागर से पार उतारने के लिए अब सोढी वंश के सुलतान गुरु रामदास को कीर्ति प्राप्त हुई है॥३॥
हे सतिगुरु रामदास ! हम जीव अवगुणों से भरे हुए हैं, एक भी हमारे पास गुण नहीं। नामकीर्तन रूपी अमृत को छोड़कर हम केवल विषय-वासनाओं का जहर सेवन कर रहे हैं। माया-मोह के भ्रम में पथभ्रष्ट हो गए हैं और पुत्र एवं पत्नी से ही प्रीति लगाई हुई है। सुनने में आया है कि गुरु की संगत एक उत्तम रास्ता है, उसके सम्पर्क में यम का डर मिट जाता है। भाट कीरत की केवल यही अरदास है कि हे गुरु रामदास ! मुझे अपनी शरण में रख लो॥४॥५८॥
The Review
Guru Ramdas Ji Parkash Utsav
Download 3 Beautifully Crafted HD Images to wish your social circle - Guru Ramdas Birth Anniversary - and Upload in your Social Media Status Updates.
Review Breakdown
-
HD Images
-
Gurbani Reference
-
PDF Book