Naam Gur Diyo Hai Apne
Naam Gur Diyo Hai Apne, Ja Ke Mastak Karma... Bani Sri Guru Arjan Dev Ji documented in Sri Guru Granth Sahib at Page 680 under Raga Dhanasari.
Hukamnama | Naam Gur Diyo Hai Apne |
Place | Darbar Sri Harmandir Sahib |
Ang | 680 |
Creator | Guru Arjan Dev Ji |
Raag | Dhanasari |
English Translation
Dhanasari Mahala - 5th ( Naam Gur Diyo Hai Apne...)
O Brother! The rather fortunate persons pre-destined by the Lord's Will, have been bestowed with the boon of True Name by the Lord. The Lord has made them realize how to recite the True Name and its value and importance in the world so that they have recited only the True Name by inculcating its love in the heart during this age (of Kal-Yug). (1)
The Lord has bestowed honour and status to such persons by imparting them the nectar of True Name, which brings them honour and acclaim even in the next world. Such persons always accept with pleasure the dictates of the Lord as per His Will and spend this life following the Lord's Will without a murmur. (Pause-1)
O Nanak! The person, who has attained the wealth of True Name, is wealthy as he then deals in the merchandise of True Name alone in the business of life, having the support of True Name only. Thus he has succeeded in his life by earning a profit (in divine business) by reciting True Name. (2-6-37)
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Hukamnama in Hindi
धनासरी महला ५ ॥ नाम गुर दीओ है अपुनै जा कै मसतक करमा ॥ नामु द्रिड़ावै नामु जपावै ता का जुग महि धरमा ॥१॥
( Naam Gur Diyo Hai Apne...) जिसके माथे पर शुभ भाग्य है, गुरु ने अपने उस सेवक को नाम ही प्रदान किया है। इस युग में गुरु का यही धर्म है कि वह अपने सेवकों को नाम का जाप करवाता है और नाम ही उनके मन में दृढ़ करता है॥१॥
जन कउ नाम वडाई सोभ ॥ नामो गत नामो पत जन की मानै जो जो होग ॥१॥ रहाउ ॥
प्रभु के दास के लिए नाम ही उसकी बड़ाई है और नाम ही उसकी शोभा है। परमात्मा का नाम ही उसकी मुक्ति है और नाम ही उसकी लाज-प्रतिष्ठा है।जो कुछ भी ईश्वरेच्छा में होता है, वह उसे भला ही समझता है॥ १॥ रहाउ॥
नाम धन जिस जन कै पालै सोई पूरा साहा ॥ नाम बिउहारा नानक आधारा नाम परापत लाहा ॥२॥६॥३७॥
जिस व्यक्ति के पास नाम का धन है, वही पूर्ण साहूकार है। हे नानक ! प्रभु का नाम ही उस मनुष्य का व्यवसाय है, नाम का ही उसे सहारा है और वह नाम रूपी लाभ ही प्राप्त करता है॥ २ ॥ ६ ॥ ३७ ॥
Gurmukhi Translation
( Naam Gur Diyo Hai Apne...)
ਧਨਾਸਰੀ ਪੰਜਵੀਂ ਪਾਤਿਸ਼ਾਹੀ ॥ ਮੇਰੇ ਗੁਰਦੇਵ ਉਸ ਪ੍ਰਾਣੀ ਨੂੰ ਨਾਮ ਬਖਸ਼ਦੇ ਹਨ, ਜਿਸ ਤੇ ਮੱਥੇ ਉਤੇ ਚੰਗੀ ਕਿਸਮਤ ਲਿਖੀ ਹੋਈ ਹੈ ॥ ਉਹ ਨਾਮ ਨੂੰ ਪੱਕਾ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਅਤੇ ਨਾਮ ਦਾ ਹੀ ਉਹ ਉਚਾਰਨ ਕਰਾਉਂਦੇ ਹਨ ॥ ਇਹ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮੱਤ ਇਸ ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਹੈ ॥ ਨਾਮ ਹੀ ਰੱਬ ਦੇ ਦਾਸ ਦੀ ਵਿਸ਼ਾਲਤਾ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਾਪ ਹੈ ॥ ਨਾਮ ਹੀ ਪ੍ਰਭੂ ਸੇਵਕ ਦੀ ਮੁਕਤੀ ਅਤੇ ਨਾਮ ਹੀ ਉਸ ਦੀ ਇੱਜ਼ਤ ਹੈ ॥ ਜੋ ਕੁੱਛ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਹ ਉਸ ਨੂੰ ਭਲਾ ਕਰ ਕੇ ਮੰਨਦਾ ਹੈ ॥ ਠਹਿਰਾਉ ॥ ਜਿਸ ਇਨਸਾਨ ਦੀ ਝੋਲੀ ਵਿੱਚ ਨਾਮ ਦੀ ਦੌਲਤ ਹੈ, ਓਹੀ ਪੂਰਨ ਸ਼ਾਹੂਕਾਰ ਹੈ ॥ ਨਾਨਕ ਨੂੰ ਨਾਮ ਦੇ ਕਾਰ-ਵਿਹਾਰ ਦਾ ਆਸਰਾ ਹੈ, ਅਤੇ ਉਹ ਕੇਵਲ ਨਾਮ ਦਾ ਹੀ ਨਫਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ॥