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Maat Pita Bhai Sut Bandhap
Hukamnama Sri Darbar Sahib Amritsar: Maat Pita Bhai Sut Bandhap Tin Ka Bal Hai Thora [Raag Gujri, Baani Sri Guru Arjan Dev Ji, Ang 499]
Hukamnama | ਮਾਤ ਪਿਤਾ ਭਾਈ ਸੁਤ ਬੰਧਪ ਤਿਨ ਕਾ ਬਲੁ ਹੈ ਥੋਰਾ |
Place | Darbar Sri Harmandir Sahib Ji, Amritsar |
Ang | 499 |
Creator | Guru Arjan Dev Ji |
Raag | Gujri |
1. ਮਾਤ ਪਿਤਾ ਭਾਈ ਸੁਤ ਬੰਧਪ ਤਿਨ ਕਾ ਬਲੁ ਹੈ ਥੋਰਾ
2. English Translation
Gujri Mahala 5th ( Maat Pita Bhai Sut Bandhap... )
Neither the mother, father, brother, and son nor other relations will be available in the next world, as they have no (power) strength to help anyone. We have seen the dramatic display of the worldly falsehood (Maya) and all its charm but not even an iota of all this falsehood accompanies us (to the next world) after death. (1)
O True Master! I have no other protector or savior except You. I possess no virtues or qualities, being completely helpless and virtueless, and seek Your support only as my mainstay. (Pause-1)
O True Master! I depend on You alone in both worlds (here and hereafter) and would offer myself as a sacrifice (to Your lotus feet) to You. O Nanak! Since I have perceived the Lord through the company of the holy saints all my longings, cravings, and supplication have ended, (and I have attained salvation). (2-7-16)
3. Download Hukamnama PDF
4. Hukamnama in Hindi
गूजरी महला ५ ॥ मात पिता भाई सुत बंधप तिन का बल है थोरा ॥ अनिक रंग माया के पेखे किछ साथ न चालै भोरा ॥१॥ ठाकुर तुझ बिन आहि न मोरा ॥ मोहि अनाथ निरगुन गुणु नाही मै आहिओ तुम्हरा धोरा ॥१॥ रहाउ ॥ बलि बलि बलि बलि चरण तुम्हारे ईहा ऊहा तुम्हारा जोरा ॥ साधसंग नानक दरस पायो बिनसिओ सगल निहोरा ॥२॥७॥१६॥
Hukamnama meaning in Hindi
( Maat Pita Bhai Sut Bandhap... ) गूजरी महला ५ ॥ इन्सान को अपने माता-पिता, भाई, पुत्र एवं संबंधियों का बल थोड़ा ही मिलता है। मैंने माया के अनेक रंग देखे हैं परन्तु अल्पमात्र कुछ भी इन्सान के साथ नहीं जाता ॥ १॥ हे मेरे ठाकुर ! तुम्हारे बिना मेरा कोई भी नहीं है। मैं गुणहीन अनाथ हूँ, मुझ में कोई गुण मौजूद नहीं और मुझे तुम्हारा ही सहारा चाहिए॥ १॥ रहाउ॥ मैं तेरे चरणों पर बार-बार बलिहारी एवं कुर्बान जाता हूँ। लोक-परलोक में तुम्हारा ही जोर है। हे नानक ! सत्संगति में मैंने प्रभु के दर्शन कर लिए हैं तथा दूसरों का अनुग्रह खत्म हो गया है॥ २॥ ७ ॥ १६ ॥
5. Punjabi Translation
ਗੂਜਰੀ ਪੰਜਵੀਂ ਪਾਤਿਸ਼ਾਹੀ ॥ ਅੰਮੜੀ, ਬਾਬਲ, ਭਰਾ, ਪੁੱਤ੍ਰ ਅਤੇ ਸਨਬੰਧੀਆਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਤਾਕਤ ਥੋੜ੍ਹੀ ਹੈ ॥ ਮੈਂ ਧਨ-ਦੌਲਤ ਦੀਆਂ ਘਣੇਰੀਆਂ ਰੰਗ-ਰਲੀਆਂ ਵੇਖੀਆਂ ਹਨ, ਪ੍ਰੰਤੂ ਕੋਈ ਰਤਾ ਜਿੰਨੀ ਭੀ ਬੰਦੇ ਦੇ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦੀ ॥ ਮੇਰੇ ਸੁਆਮੀ, ਤੇਰੇ ਬਗੈਰ ਮੇਰਾ ਕੋਈ ਭੀ ਨਹੀਂ ਹੈ ॥ ਮੈਂ ਨੇਕੀ-ਵਿਹੁਣ ਯਤੀਮ ਹਾਂ ॥ ਮੇਰੇ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਖੂਬੀ ਨਹੀਂ ਅਤੇ ਮੈਂ ਤੇਰਾ ਆਸਰਾ ਲੋੜਦਾ ਹਾਂ ॥ ਠਹਿਰਾਉ ॥ ਮੈਂ ਤੇਰੇ ਪੈਰਾਂ ਉਤੋਂ ਕੁਰਬਾਨ, ਕੁਰਬਾਨ, ਕੁਰਬਾਨ ਹਾਂ ॥ ਐਥੇ ਅਤੇ ਉਥੇ ਕੇਵਲ ਤੇਰੀ ਹੀ ਸੱਤਿਆ ਹੈ ॥ ਸਤਿਸੰਗਤ ਅੰਦਰ, ਹੇ ਨਾਨਕ, ਮੈਂ ਤੇਰਾ ਦੀਦਾਰ ਪਾ ਲਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਮੇਰੀ ਹੋਰ ਸਾਰਿਆਂ ਦੀ ਮੁਥਾਜੀ ਚੁੱਕੀ ਗਈ ॥