Banda Singh Bahadur Biography in Hindi PDF

Life History of Baba Banda Singh Bahadur

Download Jathedar Banda Singh Bahadur Biography PDF in Hindi – authored by S. Jasbir Singh. This book is based on the life journey of Baba Banda Singh Bahadur.

Book Jathedar Banda Singh Bahadur urf Gurbaksh Singh
Writer S. Jasbir Singh
Genre Sikh History
Pages 66
Language Hindi
Script Devnagari
Size 2.63 MB
Format PDF
Publisher Krantikari Jagatguru Nanak Dev Charitable Trust Chandigarh

Index

1. जत्थेदार बन्दा सिंह बहादुर
2. माधोदास से बंदा बहादुर
3. बंदा सिंह का पंजाब की ओर प्रस्थान
4. पंजाब के माझा क्षेत्र के सिंघो से शेर खान का युद्ध
5. पंजाब के माझा क्षेत्र के सिंघो से शेर खान का
6. दल खालसा का योजनाबद्ध कार्यक्रम
7. छप्पड़ चीरी का ऐतिहासिक युद्ध
8. मलेरकोटला पर आक्रमण
9. अनूप कौर का कंकाल बरामद
10. राम राय सम्प्रदाय की मरम्मत
11. जत्थेदार बंदा सिंह बहादुर की शासन प्रणाली
12. यमुना- गंगा के मध्य के क्षेत्रो पर विजय
13. माझा क्षेत्र पर विजय तथा हैदरी झण्डा
14. जालन्धर, दोआबा क्षेत्रों पर अधिकार और राहों (राहोन) पर विजय
15. सम्राट बहादुर शाह का दल खालसा के विरुद्ध अभियान
16. सरहिन्द नगर की पराजय
17. सढौरा तथा लोहगढ़ के किलो का पतन
18. सम्राट तथा मुगल सेना की दयनीय दशा
19. दल खालसा के विघटन का कारण
20. बंदा सिंह पर्वतीय क्षेत्रों में
21. चम्बा क्षेत्र से बंदा सिंह बहादुर पठानकोट व गुरदासपुर क्षेत्र में
22. बादशाह की लाहौर में मृत्यु
23. दल खालसा का लोहगढ़ व सढौरा किलों पर पुन: नियन्त्रण
24. दल खालसे व उसके नायक का गुप्तवास
25. दल खालसा का पुन: प्रकट होना
26. गुरदास, नंगल के अहाते का घेराव
27. जत्थेदार बंदा सिंह जी का आत्म समर्पण
28. कैदी सिक्खों के साथ दुर्व्यवहार
29. दल खालसा के नायक बंदा सिंह तथा उसके सिपाहियों (सिक्खों) को हत्या का दण्ड
30. बंदा सिंह बहादुर को यातनाएं और उनकी हत्या
31. तथाकथित बंदई और तत्त खालसा में मतभेद

Excerpt

बन्दा सिंह बहादुर का जन्म 16 अक्टूबर 1670 ई० को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के एक गाँव रजौरी में हुआ। उनको बचपन का नाम लछमन दास था। आपके पिता रामदेव राजपूत डोगरे, स्थानीय जमींदार थे। जिस कारण आप के पास धन-सम्पदा का अभाव न था। आपने अपने बेटे लछमन दास को रिवाज़ के अनुसार घडसवारी, शिकार खेलना, कश्तियाँ आदि के करतब सिखलाएं किन्तु शिक्षा पर विशेष ध्यान नहीं दिया।

अभी लछमन दास का बचपन समाप्त ही हुआ था और यौवन में पदार्पण ही किया था कि अचानक एक घटना उनके जीवन में असाधारण परिवर्तन ले आई। एक बार उन्होंने एक हिरनी का शिकार किया। जिसके पेट में से दो बच्चे निकले और तड़प कर मर गये। इस घटना ने लछमनदास के मन पर गहरा प्रभाव डाला और वह अशांत सा रहने लगे। मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए वह साधु संगत करने लगे। एक बार जानकी प्रसाद नामक साधु राजौरी में आया।

लछमनदास ने उसके समक्ष अपने मन की व्यथा बताई तो जानकी प्रदास उसे अपने संग लाहौर नगर के आश्रम में ले आया। और उसने लछमन दास का नाम माधो दास रख दिया। क्योंकि जानकी दास को भय था कि जमींदार रामदेव अपने पुत्र को खोजता यहाँ न आ जाए। किन्तु लछमन दास अथवा माधो दास की मन का भटकना समाप्त नहीं हुआ। अत: वह शान्ति की खोज में जुटा रहा। लाहौर नगर के निकट कसूर क्षेत्र में सन् 1686 ईसवी की वैसाखी के मेले पर उन्होंने एक और साधु रामदास को अपना गुरू धारण किया और वह उस साधु के साथ दक्षिण भारत की यात्रा पर चले गये।

Download Jathedar Banda Singh Bahadur Biography Hindi PDF by S. Jasbir Singh using the download button given below:

Download Now

Reviews

Average rating: 5.00 out of 5 stars
1 review
5 stars
1
4 stars
3 stars
2 stars
1 star
  • Bande da khanda

    Maine Baba Banda Singh ki movie dekhi thi. Bahut achha lga sikho ki virta ko padh kar aur mja aayega.

    29 of 55 people found this review helpful.

    Help other customers find the most helpful reviews

    Did you find this review helpful? Yes No

  • Write a Review

    Relevant Entries

    Next Post

    Today's Hukamnama

    More Downloads

    Editor's Pick